हम आपको इतना प्यार कर जायेगे
ज़र्रे ज़र्रे में आपको नज़र आयेंगे
कभी यादों में आपकी समा जायेंगे
आपकी मुस्कुराहट बन के होठों को छू जायेंगे
काटों पे चल कर भी आपके रस्ते फूल हम बिछायेंगे
बन के खुशबू आपके जीवन को मह्कायेंगे
चाँद की किरणों में आप हमारा सपर्श ही पायेंगे
बन के दिया आपकी राहें रोशन कर जायेंगे
तेज धूप में बदल बन के छा जायेंगे
अपनी पलकों में छुपाकर बुरी नज़रों से बचायेंगे
फूलों की ताजगी में आप हमारा एहसास ही पाएंगे
आपके लिए एक प्यारा सा ख्वाब बन जायेंगे
हर कोई आपसे प्यार करे ऐसी दुआ बन जायेंगे
हर किसी के प्यार में हमारा प्यार आप पायेंगे
हवा बन के आपकी साँसों में समा जायेंगे
न होकर भी ज़र्रे ज़र्रे में नज़र आयेंगे
इतनी यादे भर देंगे आपके दिल में
हमारी हर बात याद करके आप सदा मुस्कुराएंगे..........
Monday, June 28, 2010
Thursday, June 10, 2010
हँस के हम सारे गम अब छुपाने लगे
हँस के हम सारे गम अब छुपाने लगे,
हमसे वो अब बहुत दूर जाने लगे।
भूल हमको किसी से दिल वो लगाने लगे
हामी से मोहब्बत के किस्से सुनाने लगे।
उनको हम अब तो लगने बेगाने लगे
हमसे नज़ारे भी वो अब चुराने लगे।
यादों में उनकी हम डूब जाने लगे
याद में उनकी आंसू बहाने लगे।
प्यार पाने की खुशियाँ वो मनाने लगे
प्यार खो गे गम गले हम लगाने लगे।
सपने सारे हमारे टूट जाने लगे
वो तो औरो के सपने सजाने लगे।
वफ़ा कर के भी हम हार जाने लगे
हँस के आँसू भी हम पीते जाने लगे।
जिंदगी गम के साये में फिर बिताने लगे
हँस के हम सारे गम अब छुपाने लगे।
हमसे वो अब बहुत दूर जाने लगे।
भूल हमको किसी से दिल वो लगाने लगे
हामी से मोहब्बत के किस्से सुनाने लगे।
उनको हम अब तो लगने बेगाने लगे
हमसे नज़ारे भी वो अब चुराने लगे।
यादों में उनकी हम डूब जाने लगे
याद में उनकी आंसू बहाने लगे।
प्यार पाने की खुशियाँ वो मनाने लगे
प्यार खो गे गम गले हम लगाने लगे।
सपने सारे हमारे टूट जाने लगे
वो तो औरो के सपने सजाने लगे।
वफ़ा कर के भी हम हार जाने लगे
हँस के आँसू भी हम पीते जाने लगे।
जिंदगी गम के साये में फिर बिताने लगे
हँस के हम सारे गम अब छुपाने लगे।
Wednesday, May 26, 2010
काश तुम हमारे होते
काश तुम हमारे होते
हमें फिर जीने के सहारे होते
बच जाते डूबने से हम भी
अगर किश्ती को हमारे मिल गए किनारे होते
तुम सिर्फ हमारा साथ निभाते
हम तो तुमपे जान लुटाते
लुट न जाती खुशियाँ यूँ ही
अगर दो पल तुम्हरे साथ गुजारे होते
हम भी नहीं पराये होते
तकदीर के ना सताए होते
बच जाते गिरने से हम भी
अगर हाथ तुम अपना बढ़ाये होते
हम भी हंस लिए होते
ख़ुशी से दो पल जी लिए होते
पहुच जाते मंजिल पे हम भी
अगर हमसफ़र तुम अपना बनाए होते
हमें फिर जीने के सहारे होते
बच जाते डूबने से हम भी
अगर किश्ती को हमारे मिल गए किनारे होते
तुम सिर्फ हमारा साथ निभाते
हम तो तुमपे जान लुटाते
लुट न जाती खुशियाँ यूँ ही
अगर दो पल तुम्हरे साथ गुजारे होते
हम भी नहीं पराये होते
तकदीर के ना सताए होते
बच जाते गिरने से हम भी
अगर हाथ तुम अपना बढ़ाये होते
हम भी हंस लिए होते
ख़ुशी से दो पल जी लिए होते
पहुच जाते मंजिल पे हम भी
अगर हमसफ़र तुम अपना बनाए होते
Friday, May 14, 2010
मेरा प्यार
मेरा प्यार
मैं तुम्हे कितना प्यार करता हूँ
कोई जान नहीं पायेगा
ये राज़ तो मेरे मरने के साथ ही खत्म हो जायेगा।
ख़त्म होऊंगा मैं और ये राज़
खत्म न होगा मेरे दिल का प्यार
मेरा प्यार तो अमर होके सदा तुम्हरे साथ रह जायेगा।
सजा लेना तुम अपना आशियाँ
कर लेना अपनी दुनिया आबाद
कम से कम मेरे रूह को चैन मिल जायेगा।
गम न करना मेरे जाने पे
आंसू न बहाना याद आने पे
मुस्कुरा देना तुम देखकर में भी कही मुस्कुराऊंगा।
तुम मिले किसी और के होकर
किस्मत ने ही दी है ठोकर
मेरा प्यार मेरे दिल का राज़ बना रह जाएगा।
मैं तुम्हे कितना प्यार करता हूँ
कोई जान नहीं पायेगा.............
Wednesday, April 7, 2010
हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरों में क्या लिखा है कौन जानता है?
तुम हमें मिलोगे,
अपना बनोगे,
हरपाल मेरा साथ निभाओगे,
या यादों के सहारे जिंदगी गुजर जाएगी, कौन जानता है?
पेड़ से पत्तों की तरह,
बिखर जाती हैं खुशियाँ,
बस साख लिए खड़े हैं तपती धुप में,
इस पतझड़ के बाद बसंत आएगा या नहीं, कौन जानता है?
उगा था एक पौधा,
कुछ हसरत लिए,
जुल्म सहता हुआ खड़ा है वो,
वो पेड़ बन पायेगा या टूट जायेगा, कौन जानता है?
जो सपने सजाये थे हमने,
तुम्हरे साथ दुनिया बसायेगे ,
सपने सच होंगे,
या एक अधुरा ख्वाब बन के रह जायेगे, कौन जानता है?
संवर जाती जिंदगी हमारी,
तुम्हे भी दे सकूँ खुशियाँ सारी,
हासिल होगी कामयाबी,
या खुद लिखनी पड़ेगी अपनी बरबादियों की कहानी, कौन जानता है?
जिंदगी में लोग आये,
सबसे हमने दिल लगाये,
उनकी तरह तुम भी छोड़ जाओगे,
या हमारी हाल पे मुस्कुराओगे, कौन जानता है?
जीवन पे काली घटा छाई है,
सारी फिजा अँधेरे के आगोश में समाई है,
इन अंधेरों में खो जायेगे हम,
या सुनहरा सवेरा होगा, कौन जानता है?
जीवन के साथ खेल खेलती हैं ये लकीरें,
कभी सुख कभी दुःख देती हैं,
हर पल रंग बदलती हैं ये लकीरें,
क्या होगा अगले पल में, कौन जानता है?
हाथ की लकीरों में क्या लिखा है कौन जानता है?
Monday, March 29, 2010
वो हमेशा हमें आजमाते रहे .........
वो हमेशा हमें आजमाते रहे .........
जीवन में कभी न कभी किसी न किसी से प्यार हो जाता है। जिसे हम प्यार करते है उसे नहीं पता चलता की कितना प्यार करते हैं। प्यार को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, इसे महसूस किया जा सकता है।
वो हमेशा हमें आजमाते रहे
प्यार में वो हमें यूँ सताते रहे।
यादों में इस कदर वो आने लगे,
आँखों में बन के आंसू सामने लगे।
वो भी मजबूर है वक़्त के हाथ में,
इसलिए हमसे दूरी बनाने लगे।
हम तो उनके लिए एक खिलोना सही,
इस तरह भी उन्हें हम हँसाते रहे।
दिल भी टूटा मेरा, चोट मुझको लगी,
दर्द में भी सदा मुस्कुराते रहे।
प्यार का नाम बदनाम हो न कही,
इसलिए प्यार सबसे छुपाते रहे।
याद आये कभी भी न उनको मेरी,
दिल में उनको लिए दूर जाने लगे।
जीवन में कभी न कभी किसी न किसी से प्यार हो जाता है। जिसे हम प्यार करते है उसे नहीं पता चलता की कितना प्यार करते हैं। प्यार को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, इसे महसूस किया जा सकता है।
वो हमेशा हमें आजमाते रहे
प्यार में वो हमें यूँ सताते रहे।
यादों में इस कदर वो आने लगे,
आँखों में बन के आंसू सामने लगे।
वो भी मजबूर है वक़्त के हाथ में,
इसलिए हमसे दूरी बनाने लगे।
हम तो उनके लिए एक खिलोना सही,
इस तरह भी उन्हें हम हँसाते रहे।
दिल भी टूटा मेरा, चोट मुझको लगी,
दर्द में भी सदा मुस्कुराते रहे।
प्यार का नाम बदनाम हो न कही,
इसलिए प्यार सबसे छुपाते रहे।
याद आये कभी भी न उनको मेरी,
दिल में उनको लिए दूर जाने लगे।
Friday, March 5, 2010
मरती इंसानियत
सारे जमीन को बाट दिया है, जाती के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, धर्म के नाम पर. ऊपर वाले ने एक जमीन बनाई थी. बटवारे के नाम पर दंगे होते हैं, जिसमे सिर्फ बेकसूर मारे जाते हैं. किसी का दोस्त मरता है, किसी का भाई, किसी का बेटा, किसी का पति. एक जिन्दगी खत्म हो जाने से कितने ही रिश्तों की मौत हो जाती है.
वो चला था सफ़र पे कुछ सपने लिए,
"कर सकूँगा कुछ अपने कुछ सबके लिए".
माँ बाबा का अपने वो विश्वास था,
बुढ़ापे के उनकी वो एक आस था.
थी बहिन की भी डोली सजानी उसे,
फ़र्ज़ राखी की थी तो निभानी उसे.
दोस्त यारों में भी वो तो मशहूर था,
हर किसी के लिए वह तो एक नूर था.
जा पहुंचा वो अनजान एक देश में,
थे दरिन्दे जहा इंसान की वेश में.
कर दिया दरिंदों ने इंसानियत तार तार,
ढाए उसपे सितम कर दिया उसपे वार.
गिर गया वो जमीन पे तड़पने लगा,
था दिया जो किसी को वो बुझने लगा.
सो गया वो बिचारा सदा के लिए,
वो चला था सफ़र पे कुछ सपने लिए.
Tuesday, February 16, 2010
बचपन के दिन
बचपन के दिन
न गम थी, ना हम थी, हम थे मतवाले।
न धर्म,जाती, रिवाजों की बेडी पड़ी थी,
हर गली हर डगर खूब फेरी लगी थी।
धूप भी हमको तब तो सुहानी लगी थी,
मन लुभानी वो बारिश की पानी लगी थी।
सुख की दुःख की ना परवाह करते थे हम,
बन के स्वछन्द पंछी विचरते थे हम।
गोधुली की सभा भी निराली सजी थी,
मन का राजा कोई मन की रानी बनी थी।
हर किसी में एक बच्चे को पाते हैं हम,
देख उसको सभी गम भुलाते हैं हम।
बच्चे बच्चे में खुद की ही पाते हैं हम,
साथ उसके ही बचपन में लौट जाते हैं हम।
Wednesday, January 27, 2010
इस कदर
प्यार माँगता है क़ुरबानीयाँ
इस कदर प्यार उनसे हम करने लगे,
वो मजबूर हमसे ही डरने लगे ।
हम दुआओं में उनकी खुशी मांगते,
वो बेखबर दिल की हालत नहीं जानते।
याद में उनकी आंसू हम बहाने लगे,
वो प्यार में हमको पागल समझने लगे।
धीरे धीरे वो बहुत दूर जाने लगे,
दिल भी मेरा वो अब तो दुखाने लगे ।
गलती थी मेरी जिसपे हुए वो खफा ,
सोचता हूँ की दूँ खुद को कैसे सजा ।
प्यार से उनके उनको मिलाऊंगा मैं,
दिल के अपने ही खुद तोड़ जाऊंगा मैं ।
दर्द-ऐ-दिल का खबर भी न उनको चले,
आँख नम से भी अब मुसकुराऊंगा मैं।
हम कभी भी उन्हें भूल सकते नहीं,
याद उनको कभी भी ना आऊंगा मैं।
उम्र भर प्यार अपना निभाऊंगा मैं...................
Tuesday, January 26, 2010
Sunday, January 17, 2010
Thursday, January 14, 2010
राधे कृष्ण
एक राधा ,एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा,अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो ....................... एक प्रेम दिवानी एक दरस दिवानी.
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