Wednesday, January 27, 2010

इस कदर

प्यार माँगता है क़ुरबानीयाँ

इस कदर प्यार उनसे हम करने लगे,
वो मजबूर हमसे ही डरने लगे ।
हम दुआओं में उनकी खुशी मांगते,
वो बेखबर दिल की हालत नहीं जानते।
याद में उनकी आंसू हम बहाने लगे,
वो प्यार में हमको पागल समझने लगे।
धीरे धीरे वो बहुत दूर जाने लगे,
दिल भी मेरा वो अब तो दुखाने लगे ।
गलती थी मेरी जिसपे हुए वो खफा ,
सोचता हूँ की दूँ खुद को कैसे सजा ।
प्यार से उनके उनको मिलाऊंगा मैं,
दिल के अपने ही खुद तोड़ जाऊंगा मैं ।
दर्द-ऐ-दिल का खबर भी न उनको चले,
आँख नम से भी अब मुसकुराऊंगा मैं।
हम कभी भी उन्हें भूल सकते नहीं,
याद उनको कभी भी ना आऊंगा मैं।
उम्र भर प्यार अपना निभाऊंगा मैं...................

2 comments:

  1. Wah.. atisundar bhav hai bhai...
    ye usaki kismat hi jisake liye likha gaya hi..

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