काश तुम हमारे होते
हमें फिर जीने के सहारे होते
बच जाते डूबने से हम भी
अगर किश्ती को हमारे मिल गए किनारे होते
तुम सिर्फ हमारा साथ निभाते
हम तो तुमपे जान लुटाते
लुट न जाती खुशियाँ यूँ ही
अगर दो पल तुम्हरे साथ गुजारे होते
हम भी नहीं पराये होते
तकदीर के ना सताए होते
बच जाते गिरने से हम भी
अगर हाथ तुम अपना बढ़ाये होते
हम भी हंस लिए होते
ख़ुशी से दो पल जी लिए होते
पहुच जाते मंजिल पे हम भी
अगर हमसफ़र तुम अपना बनाए होते
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